एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी
कुछ क्षण में फिर देखा तो वो बुला रही थी कुछ क्षण में फिर देखा तो वो बुला रही थी
कुछ एहसान उतारे नहीं जाते बस रह जाते हैं।। कुछ एहसान उतारे नहीं जाते बस रह जाते हैं।।