बूढ़ी नज़र बीनती कंकर वृद्ध काया करती मूल्यांकन जीवन में क्या खोया क्या पाया। बूढ़ी नज़र बीनती कंकर वृद्ध काया करती मूल्यांकन जीवन में क्या खोया क्या पाया...
कसूर किसी का नहीं समय की मांग है शायद कसूर किसी का नहीं समय की मांग है शायद
फिर खड़ा हुआ सूखे पत्ते को लेकर शीश हिमालय से कर गया। फिर खड़ा हुआ सूखे पत्ते को लेकर शीश हिमालय से कर गया।
जिजीविषा ने करवा दिया मुझे, मिथ्यावादन का ये अभ्यास है ! जिजीविषा ने करवा दिया मुझे, मिथ्यावादन का ये अभ्यास है !
ओस की बूँदें पल दो पल की धुंधलाहट होती है हौसले से ही तो उड़ान भरने की आहट होती है ओस की बूँदें पल दो पल की धुंधलाहट होती है हौसले से ही तो उड़ान भरने की आहट हो...