जिंदगी में गहराते पलों में अपने भी बेगाने हुए हिंदी भाषा के जुनून से फिर मैदान में खड जिंदगी में गहराते पलों में अपने भी बेगाने हुए हिंदी भाषा के जुनून से फिर मैदा...
अपने सखियों के साथ खूब खेलती अपने सखियों के साथ खूब खेलती
मुनिजनमोहिणी मुरली बजाते जब श्री कृष्ण हैं अपनी मोर तब नाचने लगते मतवाले होकर तान मुनिजनमोहिणी मुरली बजाते जब श्री कृष्ण हैं अपनी मोर तब नाचने लगते मत...
मैं उड़ती चिरैया आंगन की , अनजानी राह, अनजाने राही के साथ , मैं उड़ती चिरैया आंगन की , अनजानी राह, अनजाने राही के साथ ,