हे परम गुरु! परम देवता! कैसे अपनी व्यथा सुनाऊँ मैं। हे परम गुरु! परम देवता! कैसे अपनी व्यथा सुनाऊँ मैं।
एक तुम्ही अध्यक्ष जी अंतिम मोर सहाय ।। एक तुम्ही अध्यक्ष जी अंतिम मोर सहाय ।।
यह जीवन है कठपुतली जैसा वही नाच नचाएगा, मोहब्बत करना सीख ले बंदे गैरों से भी प्यार पाए यह जीवन है कठपुतली जैसा वही नाच नचाएगा, मोहब्बत करना सीख ले बंदे गैरों से भी ...
रामचरित कंठस्त उन्हें है पल पल प्रभु की याद जिन्हें है रामचरित कंठस्त उन्हें है पल पल प्रभु की याद जिन्हें है