अजब तमाशा प्रभु तेरा संसार, डोर तेरे हाथ, मैं ठुमकना भूल गया। अजब तमाशा प्रभु तेरा संसार, डोर तेरे हाथ, मैं ठुमकना भूल गया।
आंसू पोंछे अभय दे,बने सहारा बांह। सबको मिल पाती नहीं,प्रेम विटप की छांह। आंसू पोंछे अभय दे,बने सहारा बांह। सबको मिल पाती नहीं,प्रेम विटप की छांह।
बसंत ऋतु की है छटा बहुत निराली, प्रसन्न हो रही है विटप की हर डाली। मिलन राग छेड़े बसंती बयार, क... बसंत ऋतु की है छटा बहुत निराली, प्रसन्न हो रही है विटप की हर डाली। मिलन राग ...