इन दिनें घर पर रहो और अपना वक्त बताओ इन दिनें घर पर रहो और अपना वक्त बताओ
कविता में बच्चों से जीवन के परीक्षाओं एवं परेशानियों का डटकर सामना करने का सन्देश है कविता में बच्चों से जीवन के परीक्षाओं एवं परेशानियों का डटकर सामना करने का सन...
ख्वाब सच्चे अब आते नहीं हैं माँ के बोल अब रुलाते नहीं हैं। ख्वाब सच्चे अब आते नहीं हैं माँ के बोल अब रुलाते नहीं हैं।
नफरत भरने न कोई दिल मेें इंसान को इंसान तो होने दे नफरत भरने न कोई दिल मेें इंसान को इंसान तो होने दे
तन-मन से अन्नदाता के साथ हूँ, मैं श्रमिक सुत' बोल रहा हूँ। तन-मन से अन्नदाता के साथ हूँ, मैं श्रमिक सुत' बोल रहा हूँ।
कौन क्या कहेगा ये न सोचो अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहोI कौन क्या कहेगा ये न सोचो अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहोI