आंखें हर पल तड़पती है तेरे दीदार की खातिर तस्वीर तेरी पाकर मैं मचलने लगा हूँ आंखें हर पल तड़पती है तेरे दीदार की खातिर तस्वीर तेरी पाकर मैं मचलने लगा हूँ
फिर रस्म कन्यादान की निभा मुझे किसी और आंगन का कर दिया, फिर रस्म कन्यादान की निभा मुझे किसी और आंगन का कर दिया,