जनता की लेकिन समस्या विकट है। जनता की लेकिन समस्या विकट है।
समाज के पड़े धब्बों को, छिपाना है ऐसा उसे बताया जाता है, समाज के पड़े धब्बों को, छिपाना है ऐसा उसे बताया जाता है,
सिंह समान जीना सिखलाएं मातृभूमि पर मिटना बतलाएं। सिंह समान जीना सिखलाएं मातृभूमि पर मिटना बतलाएं।
हिंदी है हिंदूत्व का प्राण हमारी भाषा, हमारी जान हिंदी है हिन्दुस्तान की पहचान। हिंदी है हिंदूत्व का प्राण हमारी भाषा, हमारी जान हिंदी है हिन्दुस्तान की प...
कुछ-कुछ कहने के बीच वो सब कुछ कहने का कोई अर्थ ही न रह जाए। कुछ-कुछ कहने के बीच वो सब कुछ कहने का कोई अर्थ ही न रह जाए।
आँखें खुलते ही सबसे पहले तुम्हारा चेहरा देखते हैं सोने से पहले तुम्हें ही याद करते हैं अब इससे ज़्... आँखें खुलते ही सबसे पहले तुम्हारा चेहरा देखते हैं सोने से पहले तुम्हें ही याद क...