जी भर पिया , हलाहल , रोक ले मुझे , नहीं ऐसी ताकत ज़माने की। जी भर पिया , हलाहल , रोक ले मुझे , नहीं ऐसी ताकत ज़माने की।
मिट के फिर हमें बनना है मिट के फिर हमें बनना है
सत्य-अहिंसा के पालक हम ,पहले रार नहीं करते। कभी शत्रुदल का धोखे से हम संहार नहीं करते ।। पुलवामा क... सत्य-अहिंसा के पालक हम ,पहले रार नहीं करते। कभी शत्रुदल का धोखे से हम संहार नही...
वो ख़्वाब में आये और मुझे फिर से बेचैन कर गए वो ख़्वाब में आये और मुझे फिर से बेचैन कर गए
अब तो बस उसकी बातें याद है ये मदहोशी भी घट रही धीरे धीरे अब तो बस उसकी बातें याद है ये मदहोशी भी घट रही धीरे धीरे
तुम खुद जानो-न-जानो पर हम तो मिट चुके हैं तुझ पर। तुम खुद जानो-न-जानो पर हम तो मिट चुके हैं तुझ पर।