पुकार रहा है, उत्सव हमें कह रहा है भूल जाओ मन की मायूसियों को पुकार रहा है, उत्सव हमें कह रहा है भूल जाओ मन की मायूसियों को
इन सभी बातों के आगे, सब सपने सच होते लगते है। इन सभी बातों के आगे, सब सपने सच होते लगते है।