अमीर सुकून से घर में पारिवारिक समय बिता रहे बोल हम पैदल घर तक भी कैसे जाए, अमीर सुकून से घर में पारिवारिक समय बिता रहे बोल हम पैदल घर तक भी कैसे जाए...
मुझे दुनिया सोचते थे तुम्हारे लिए एक दुनिया बना दी। मुझे दुनिया सोचते थे तुम्हारे लिए एक दुनिया बना दी।
आखिरी बार माफ़ कर दो कहकर फिर से दोहराते हैं गलतियों की बारिश आखिरी बार माफ़ कर दो कहकर फिर से दोहराते हैं गलतियों की बारिश