तोड़ दें आज संकोच की बेड़ियाँ... तोड़ दें आज संकोच की बेड़ियाँ...
पैदावार की आड़ में खूनी पतवार बन, चूस रहा खून कोई, अरे खोजो तो सही। पैदावार की आड़ में खूनी पतवार बन, चूस रहा खून कोई, अरे खोजो तो सही।
कभी चतुराई से किसी को अपना कर कभी किसी को अपना बना कर। कभी चतुराई से किसी को अपना कर कभी किसी को अपना बना कर।
जब घटे न प्यास धरा की, तब घटा ने जल बरसाया जब घटे न प्यास धरा की, तब घटा ने जल बरसाया