जो कहते हैं मुझे झूठ की मूरत हो उन्हें यह एहसास भी नहीं मैं तो औरत हूँ जो कहते हैं मुझे झूठ की मूरत हो उन्हें यह एहसास भी नहीं मैं तो औरत ह...
वो बेपर्दा आए हैं महफ़िल में काजल हुई आंखों की दिल से अदावत ग़ज़ल। वो बेपर्दा आए हैं महफ़िल में काजल हुई आंखों की दिल से अदावत ग़ज़ल।
दुखों की हो बरसात या सुख की हो रिमझिम दोनों बरसातों में तो आंखें भर ही आती है | | दुखों की हो बरसात या सुख की हो रिमझिम दोनों बरसातों में तो आंखें भर ही आती है...
धन-दौलत सुख-सुविधा वास्ते, तुमने हमको क्यों धोखा दिया। धन-दौलत सुख-सुविधा वास्ते, तुमने हमको क्यों धोखा दिया।