रातें हमारी लंबी हो रही सपने भी नहीं आते अब मिट्टी में मिल कर हरी-भरी कोपलें उगेगी फिर से। रातें हमारी लंबी हो रही सपने भी नहीं आते अब मिट्टी में मिल कर हरी-भरी कोपलें उग...
दुखों की हो बरसात या सुख की हो रिमझिम दोनों बरसातों में तो आंखें भर ही आती है | | दुखों की हो बरसात या सुख की हो रिमझिम दोनों बरसातों में तो आंखें भर ही आती है...