नयनों में भरें काजल स्नेह का, धैर्य के आभूषणों से संवर लें। नयनों में भरें काजल स्नेह का, धैर्य के आभूषणों से संवर लें।
शिव के गले मे नाग की शोभा होती है नर को प्रकृति ने मन की सुंदरता दी है शिव के गले मे नाग की शोभा होती है नर को प्रकृति ने मन की सुंदरता दी है
भलाई की बात कहाँ रही अब जालिम जमाने में? लोग उल्फत नहीं अब नफरत का नशा करते हैं। भलाई की बात कहाँ रही अब जालिम जमाने में? लोग उल्फत नहीं अब नफरत का नशा करते ह...
यही करते हैं दुहा हम, रोज तेरे लिए रब से। मत किसी को देना तुम हक, छूने को दामन तुम्हारा यही करते हैं दुहा हम, रोज तेरे लिए रब से। मत किसी को देना तुम हक, छूने को दामन ...