उन लम्हों को पहली दफ़ा जिन्हें वक्त के किसी कोने में दफ्न कर आए थे हम उन लम्हों को पहली दफ़ा जिन्हें वक्त के किसी कोने में दफ्न कर आए थे हम
घूसखोर सिरमौर है , जनता है लाचार। शिक्षा तक मुश्किल हुई, जीना भी बेजार।। घूसखोर सिरमौर है , जनता है लाचार। शिक्षा तक मुश्किल हुई, जीना भी बेजार।।