जो अपने लोग से मिले, शिकवे गिले अनेक मिले! जो अपने लोग से मिले, शिकवे गिले अनेक मिले!
क्या मुझे मौत आने वाली है क्या फरिश्ते मुझे बुलाते हैं क्या मुझे मौत आने वाली है क्या फरिश्ते मुझे बुलाते हैं
मयकदे की मुझे अब ज़रूरत नहीं आपको देख कर ही नशा हो गया मयकदे की मुझे अब ज़रूरत नहीं आपको देख कर ही नशा हो गया
मर मर के जीना नहीं आता हमको हम तो खुल कर जीते है मर मर के जीना नहीं आता हमको हम तो खुल कर जीते है