मुट्ठी में रेत सा फिसला जा रहा है, कुछ जल्दी में मालूम होता है ये समय...! मुट्ठी में रेत सा फिसला जा रहा है, कुछ जल्दी में मालूम होता है ये समय...!
समय रेत की तरह हाथों से फिसलता रहता है, और हम हर बार पीछा करते ही तो रहते हैं, समय रेत की तरह हाथों से फिसलता रहता है, और हम हर बार पीछा करते ही तो रहते ह...
काश!! रेत के मानिंद फिसलता वक्त हिसाब दे जाता.. काश!! रेत के मानिंद फिसलता वक्त हिसाब दे जाता..