मैं जब भी लखनऊ के उस मंदिर को जाता हूँ! मैं जब भी लखनऊ के उस मंदिर को जाता हूँ!
याद नहीं आ रही अब मुझे रुक्मणी और राधा.. चुंबकीय आकर्षण में तेरे हो गई अधीर और आधा.. याद नहीं आ रही अब मुझे रुक्मणी और राधा.. चुंबकीय आकर्षण में तेरे हो गई अधीर ...
प्रज्वलित सारे द्वेष हों प्रभु, भावों में प्रेम प्रीत श्लेष हों प्रभु.. प्रज्वलित सारे द्वेष हों प्रभु, भावों में प्रेम प्रीत श्लेष हों प्रभु..
बहना ब्याह कर ससुराल जाये, प्यार भाई को दूज पर खींच लाये। बहना ब्याह कर ससुराल जाये, प्यार भाई को दूज पर खींच लाये।