जो सोचा वो हमेशा नहीं होता इस दुनिया पर, मौज, मस्ती, अपने, पराए, मिली कितनी ही प्रथाएं जो सोचा वो हमेशा नहीं होता इस दुनिया पर, मौज, मस्ती, अपने, पराए, मिली कितनी ह...
मगर जाते-जाते ही अपनी चाल चल गये। देश को दो हिस्सों में बांट गए। मगर जाते-जाते ही अपनी चाल चल गये। देश को दो हिस्सों में बांट गए।