हमारा स्वाभिमान ही एक दिन बनता है देश का सम्मान हमारी तर्जनी पर रंग दिखाती यह स्याही है इसी... हमारा स्वाभिमान ही एक दिन बनता है देश का सम्मान हमारी तर्जनी पर रंग दिखाती...
उन्हीं उनींदी नींदो में , .. प्रतीक्षारत सुबह के लिए ! उन्हीं उनींदी नींदो में , .. प्रतीक्षारत सुबह के लिए !
ये चिंताओं का रूखापन कब तक सोख सकेगा प्रेम की स्निग्धता !! ये चिंताओं का रूखापन कब तक सोख सकेगा प्रेम की स्निग्धता !!
माथे के सिन्दूर में बसा है एक विश्वास, आतुर नयनों में लिए मिलन की आस माथे के सिन्दूर में बसा है एक विश्वास, आतुर नयनों में लिए मिलन की आस