मेरे घट घट का तू वासी, अंतर्यामी ओ अविनाशी। मेरे घट घट का तू वासी, अंतर्यामी ओ अविनाशी।
थर्राती सांसें उसकी अटक जाती हैं, जब भी किसी बाज को वे पटक जाती हैं थर्राती सांसें उसकी अटक जाती हैं, जब भी किसी बाज को वे पटक जाती हैं
उसे लगा के मानो उसे नव-जीवन मिल गया हो उसे लगा के मानो उसे नव-जीवन मिल गया हो
ऑफिस में कार्यरत दो निकम्मों को नियंत्रित करने की कहानी... ऑफिस में कार्यरत दो निकम्मों को नियंत्रित करने की कहानी...