आजकल मुखौटों का है कुछ चलन किस पर यकीन अब करें हम। आजकल मुखौटों का है कुछ चलन किस पर यकीन अब करें हम।
क्यों जमीन से आसमान पे जा रहा है इंसान । क्यों अपनी ही जमात से घबरा रहा है इंसान । क्यों जमीन से आसमान पे जा रहा है इंसान । क्यों अपनी ही जमात से घबरा रहा है इं...
रोना नहीं सिखा बस कुछ एहसासों को मन की संदूक में ही दफ़न करती हूँ! रोना नहीं सिखा बस कुछ एहसासों को मन की संदूक में ही दफ़न करती हूँ!
राम की धरती पर किया, रावण के वध का ऐलान, उम्मीदों से उभरा, आजादी का लिया निशावर देश का वीर जवान। राम की धरती पर किया, रावण के वध का ऐलान, उम्मीदों से उभरा, आजादी का लिया निशावर...
दीपक हूं और दीपक ही रहूंगा, तम का प्रलोभन छोड़ आया हूं दीपक हूं और दीपक ही रहूंगा, तम का प्रलोभन छोड़ आया हूं