क्यों कर हुआ होगा वह इतना मजबूर? क्यों कर हुआ होगा वह इतना मजबूर?
मुंह शिकारी ताकता, हुआ हाल-बेहाल घर-आंगन संवार लें, भूलें सारा बैर मुंह शिकारी ताकता, हुआ हाल-बेहाल घर-आंगन संवार लें, भूलें सारा बैर
ये जिस्म मेरा भी कुछ उस सा ही लगता है ये जिस्म मेरा भी कुछ उस सा ही लगता है