बताओ आखिर माँ जैसी इस दुनिया में कौन हो सकती है। बताओ आखिर माँ जैसी इस दुनिया में कौन हो सकती है।
बचा लिया जल को तुमने ये मानो जीवन बचा लिया। बचा लिया जल को तुमने ये मानो जीवन बचा लिया।
मगर मन की टंकी है कि भरती ही नहीं। मगर मन की टंकी है कि भरती ही नहीं।
कुछ दे सकूं मैं तुम्हें वह सब तुम्हारी है, खेलते खाली बांह थल बदल दें मेरी।। कुछ दे सकूं मैं तुम्हें वह सब तुम्हारी है, खेलते खाली बांह थल बदल दें मेरी।।