मेरी प्रेरणा- माँ
मेरी प्रेरणा- माँ
मेरी माँ मेरी पहली प्रेरणा थी और हमेशा रहेंगी,
यह बात दिल मरते दम तक कहती रहेगी।
जब जब मैंने हार मान लिया था,
तब तब उसने उम्मीद की रोशनी दिखाई,
हमेशा मुझे सही राह दिखाई और सही बात सिखाई।
आज मैं जो कुछ भी हूँ जैसी भी हूँ,
सब उसकी वजह से हूँ,
उसके बिना मेरी जिंदगी अधूरी है और मैं मैं नहीं हूँ।
हार जाने के बाद जब आँसुओं की
टंकी को बंद वही कराती थी,
फिर एक बार कोशिश कर,
कड़ी मेहनत करने का जज़्बा फिर वही जगाती।
टूट टूट कर बिखर भी जाती तो
उसके प्यार से फिर जुड़ जाती मैं,
बताओ आखिर माँ जैसी
इस दुनिया में कौन हो सकती है।
