उठ चल कि तुझमे ये जाँ अभी बाक़ी है तू औरत है यही तेरे निशां अभी बाक़ी हैं। उठ चल कि तुझमे ये जाँ अभी बाक़ी है तू औरत है यही तेरे निशां अभी बाक़ी हैं।
सरल तरल और निश्छल होकर देश के लिए अपना फर्ज़ निभाते हैं। सरल तरल और निश्छल होकर देश के लिए अपना फर्ज़ निभाते हैं।
वीर को मातृभूमि से प्यार है, गोली खाने को वीर तैयार हैं। वीर को मातृभूमि से प्यार है, गोली खाने को वीर तैयार हैं।
ईश्क किया है तुमसे ज़ानेमन दिल में हो बस तुम ही महबूबा। ईश्क किया है तुमसे ज़ानेमन दिल में हो बस तुम ही महबूबा।
अपनी जमीं अपनी भूमि यह मेरी मातृभूमि है।। अपनी जमीं अपनी भूमि यह मेरी मातृभूमि है।।