किसी कश्ती में सवार, कुश्ती सी लड़ती रही ज़िन्दगी की पतवार, साहिल की तलाश भी ख़ुद करनी थी। किसी कश्ती में सवार, कुश्ती सी लड़ती रही ज़िन्दगी की पतवार, साहिल की तलाश भी ख...
जीने की इच्छा बुझ गयी तुममे, मौत से इतनी मुहब्बत कहाँ सही था? जीने की इच्छा बुझ गयी तुममे, मौत से इतनी मुहब्बत कहाँ सही था?