मेरे गोविंद तुम ही गोपाल तुम ही. मेरे गोविंद तुम ही गोपाल तुम ही.
'अगर फिसलने के डर से चलने में डरेंगे, तो तेरे द्वार तक कैसे पहुंचेंगे, 'योगी' जीवन के इस मोड़ पर हमक... 'अगर फिसलने के डर से चलने में डरेंगे, तो तेरे द्वार तक कैसे पहुंचेंगे, 'योगी' जी...
“योगी” मैं बनिया सुनहरी अवसर कैसे चूक जाता, तुझको धन्यवाद देकर, मैं खुद खाली हाथ आता...! “योगी” मैं बनिया सुनहरी अवसर कैसे चूक जाता, तुझको धन्यवाद देकर, मैं खुद खाली हाथ...
हे उपेंद्र देख मही पर तेरी हुताशन सा मचा है हाहाकार हे उपेंद्र देख मही पर तेरी हुताशन सा मचा है हाहाकार
जब कभी लड़खड़ाउंगी… जानती हूँ…तुम संभाल लोगे जब कभी लड़खड़ाउंगी… जानती हूँ…तुम संभाल लोगे