मंत्र मुग्ध सा ताकता वो खिलखिलाती सी लड़की को मंत्र मुग्ध सा ताकता वो खिलखिलाती सी लड़की को
खाली पड़े कोनों को भर देती किसी सुंदर विचार से खाली पड़े कोनों को भर देती किसी सुंदर विचार से
सब कुछ है पास पर तेरे बिना ये ज़िंदगी अधूरी लगती है, सब कुछ है पास पर तेरे बिना ये ज़िंदगी अधूरी लगती है,
बस दोस्त से बीवी ही तो बनी है पर क्यों अब वो कुछ नहीं कह चुप्पी साध जाती है बस दोस्त से बीवी ही तो बनी है पर क्यों अब वो कुछ नहीं कह चुप्पी साध जाती...
जी हाँ मंद मंद मुस्काती वह लड़की हाँ वह तो मेरी बिटिया रानी है! जी हाँ मंद मंद मुस्काती वह लड़की हाँ वह तो मेरी बिटिया रानी है!