तभी तो कहती हूँ मेरी राख पर तेरे घर के फूल खिल जाएँ तो अच्छा । तभी तो कहती हूँ मेरी राख पर तेरे घर के फूल खिल जाएँ तो अच्छा ।
ज़िंदगी सवार कर रखनी चाहिए ज़िंदगी सवार कर रखनी चाहिए
सारी दुनिया की खुशियाँ , तुमने अपनी नन्ही बाँहों में समेटी, आई लव यू , ओह मेरी छो सारी दुनिया की खुशियाँ , तुमने अपनी नन्ही बाँहों में समेटी, आई लव यू ,...
आया ऋतुराज वसंत मिट्टी सोंधी सी महक उठी है, मेरे आँगन में भी चिड़िया चहकी है। आया ऋतुराज वसंत मिट्टी सोंधी सी महक उठी है, मेरे आँगन में भी चिड़िया चहक...
सुलगी सी कविता सुलगी सी कविता
एक चिंगारी को छोटी मत समझो , यह चिंगारी आग लगा सकती है एक चिंगारी को छोटी मत समझो , यह चिंगारी आग लगा सकती है