" चिंगारी "
" चिंगारी "
एक चिंगारी को
छोटी मत समझो ,
यह चिंगारी आग
लगा सकती है ,
जला सकती है
सम्पूर्ण जहाँ को ,
राख में तब्दील
करना यह जानती है !
सब बौखला जायेंगे ,
सब के पसीने
छूट जायेंगे !
न कोई जीव जंतुओं
की सुगबुगाहट
को कोई सुन सकेगा !
हरियाली को कौन पूछे,
मरूउद्यान में
तब्दील होगा !!
हठधार्मिता करने से
आग की लौ बढती
ही जाएगी !
हमारा अस्तित्व
गर्त में चला जायेगा ,
और हमारी धरती
सूनी हो जाएगी !!
हम यदि सतर्क होके
उनकी गतिविधियों
को पहचान लेंगे,
हम विनाश लीला से
बच सकेंगे !!
एक चिंगारी को
छोटी मत समझो ,
यह चिंगारी आग
लगा सकती है ,
जला सकती है
सम्पूर्ण जहाँ को ,
राख में तब्दील
करना यह जानती है !!
