जो थे मेरी संगी साथी अब मुझसे कतराते थे साथ मेरे जो खेले थे वो दूर से ही मुड़ जाते है जो थे मेरी संगी साथी अब मुझसे कतराते थे साथ मेरे जो खेले थे वो दूर से ही मुड़ ...
स्नानघर की ओर ले जाता और लोचन पट खुल जाते वेग से गंगा-से बह जाते स्नानघर की ओर ले जाता और लोचन पट खुल जाते वेग से गंगा-से बह जाते