खत्म होने पर सबको जाना है एक ही बक्से में। खत्म होने पर सबको जाना है एक ही बक्से में।
क्या रास बिहारी की दुल्हन कभी इस कोमा से जागेगी ? क्या रास बिहारी की दुल्हन कभी इस कोमा से जागेगी ?
इंसाफ की आस में, सत्य को कितने इम्तिहान देने होंगे! इंसाफ की आस में, सत्य को कितने इम्तिहान देने होंगे!
जरूरतें ना बढ़ाई हमने कभी बेकार के सामान से परेशान हो गए हैं हम । जरूरतें ना बढ़ाई हमने कभी बेकार के सामान से परेशान हो गए हैं हम ।
डट के मुकाबला करने का वक़्त ये हमारा है। मां की आंखो का चमकता सितारा हूं मैं। किसी की बूझदिली का प... डट के मुकाबला करने का वक़्त ये हमारा है। मां की आंखो का चमकता सितारा हूं मैं। ...