दुर्गम पथ का साथी, कलम का सिपाही, दुर्गम पथ का साथी, कलम का सिपाही,
शहीदों की वो दास्तां जब सुनकर चश्मे तरी चश्मे तरी शहीदों की वो दास्तां जब सुनकर चश्मे तरी चश्मे तरी
तू ही एकमात्र जग उजियारे दुष्टों को भी तू सजा देता है, तू ही एकमात्र जग उजियारे दुष्टों को भी तू सजा देता है,