चापलूसी व मक्खनबाजी करके, एक दिन ऊँचे रसूखदार बन जाते। चापलूसी व मक्खनबाजी करके, एक दिन ऊँचे रसूखदार बन जाते।
दुर्गम पथ का साथी, कलम का सिपाही, दुर्गम पथ का साथी, कलम का सिपाही,
हम चरण धूल जिस ईश्वर के, तुम उसके ही अनुगामी हो। हम चरण धूल जिस ईश्वर के, तुम उसके ही अनुगामी हो।