ज़िन्दगी में भी एक उबाल होना
ज़िन्दगी में भी एक उबाल होना
ज़िन्दगी में भी एक उबाल होना चाहिए
चाय की तरह पक जाने पर बन्द करने का जुगाड़ होना चाहिए!!
क़भी बेस्वाद लगे तो फिर से नई बनने का विचार होना चाहिए,
कड़वी लगे जो कभी तो दूध से मेल करने पर सुधार होना चाहिए!!
ज़िन्दगी में भी एक उबाल होना चाहिए
क़भी ध्यान ना देने पर जो जल जाये,
तो एक गूँजे की माज पे सारे दाग साफ कर देने का अधिकार होना चाहिए!!
ज़िन्दगी में भी एक उबाल होना चाहिए
क़भी मलाई मार के भी होनी चाहिए,
क़भी एक दम कड़ाकेदार भी होनी चाहिए,चाय के है कई रूप
ऐसे रूप ज़िन्दगी के भी होने चाहिए!!
ज़िन्दगी में भी एक उबाल होना चाहिए …...........