ज़िंदगी का सफर
ज़िंदगी का सफर
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हँसते खेलते हुए
ज़िंदगी का सफर यूँ ही कट जाएगा
कुछ ख़्वाब मुकम्मल होंगे
कुछ ख्वाहिशें अधूरी रह जायेगी।
किसी से मिलना होगा तो
किसी से बिछड़ना भी
कभी हँसना होगा तो कभी रोना भी
खाली हाथ आये थे खाली हाथ ही जाना है।
फ़िर क्या मसला क्या मोहमाया
बस थोड़ा हँसिए थोड़ा औरो को भी हँसाइए।