यूक्रेन युद्ध और नवजात शिशु
यूक्रेन युद्ध और नवजात शिशु
अभी अभी जन्में बच्चे ने
रोने से पहले
सुनी,
बम के धमाकों की तेज आवाज़
देखी,
आसमान से गिरते मिसाइलों की चमक
महसूस की,
आसमान छूती इमारतों को
जमीन पर गिरते,
उसे लगा,
उसके आने की ख़ुशी नहीं है
उसे अब तक
किसी नरम मुलायम
हाथ का स्पर्श नहीं मिला,
अपनी माँ की छाती से
लिपट कर, उसे लगा
उसकी धड़कने उसकी माँ की धड़कनों से
कहीं कम धड़क रहीं है,
नन्हे शिशु के आने से पहले
माँ की स्तनों से
दूध बहने लगता है
मगर उसकी माँ के स्तनों में दूध
उतरा ही नहीं
पर, माँ का दूध पीने को क्षुधातुर
ओ नन्हा शिशु
माँ के स्तनों को खिंचा
एक घूँट दूध उतर आया
उसकी हलक में,
बड़ी तेज़ से फिर ओ रोया
जैसे घोषणा की,
की हिटलर मुसोलिनी सा होकर
वो यूरोप को एकदम से नष्ट कर देगा
अचानक ओ शांत हो गया
बेचैन माँ ने उसके चेहरे को छुआ
ओ मुसकुराया
बुद्ध की तरह
मौन.. शांत.. चिर स्थिर..
एक मुस्कान
की बड़ा होकर
बुद्ध की तरह
यूरोप को पढ़ायेगा
बड़ा नहीं..
बस एक मानव बनने का पाठ।