यादों का स्वेटर
यादों का स्वेटर
यादों के रंग-बिरंगे
धागों से बुनती रहती है
वो पगली एक,
प्यार का स्वेटर,
जिसमें है गर्माहट,
उसकी छुअन की,
और खुशबु उसके
गठीले बदन की,
गुलाबी सर्दी में,
गुनगुनी धूप की
अलगनी पर टांग
देती है स्वेटर,
वो पगली हर रोज,
उसमें से छनती,
धूप की किरणों से
चेहरे का नूर
बढ़ाती, इतराती...
रहती है वो पगली,
झुंड से दूर,
अपने घर के आँगन में,
फिर कई फंदे छूट गए,
कई गए उधड़,
नहीं आती अब
उससे कोई हूक,
नहीं बजता,
सात सुरों का गीत,
ना अब कोई,
पायल छनकती है,
ना कोई,
चूड़ी खनकती है,
परंतु यादों के,
रंग बिरंगे धागों से
वो पगली,
बुनती रहती है,
फटी-पुरानी
यादों का स्वेटर,
प्यार का स्वेटर।।
