दरवाजे हर रोज अनगिनत बार चौखट से गले मिलते हैं। दरवाजे हर रोज अनगिनत बार चौखट से गले मिलते हैं।
मौसमों की मार से अरमान भी अब सिसकते है मौसमों की मार से अरमान भी अब सिसकते है
गुनगुनी धूप की अलगनी पर टांग देती है स्वेटर गुनगुनी धूप की अलगनी पर टांग देती है स्वेटर