याद आता है बचपन
याद आता है बचपन
उम्र के इस गुजरते दौर में,
अक्सर याद आता है बचपन ।
खुशियाँ थी, नादानियाँ थी,
खुल कर जीते थे जीवन ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
शैतानियाँ थी, बदमाशियां थी,
सुनहरा था वह बचपन ।
मासूमियत थी, लड़कपन था,
न जाने कहाँ गया बचपन ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
कमियाँ तो बहुत थी,
पर खुशियाँ भरा था चमन ।
दोस्तों से दोस्ती ही थी,
मस्तियों का था आलम ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
खुल कर जीते थे जीवन,
दौड़ते थे दोस्तो के संग ।
पेड़ों से आम जामुन तोड़ते थे,
मिलती थी मस्ती और उमंग ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
जब भी याद करता हूँ बचपन,
तो नम हो जाता हैं मन ।
कहाँ गया वह नटखट बचपन ?
कहाँ है आज बच्चों में बचपन ?
अक्सर याद आता है बचपन ।
कहाँ गई वह रबड़ की गुलेल ?
कहाँ तोड़ते अब पेड़ों से जामुन ?
कहाँ नहाते अब आंगन में,
कहाँ फेंकते एक दूजे पर साबुन ?
अक्सर याद आता है बचपन ।
कहाँ गई वह बचपन की कित कित ?
नहीं रहे बांस के तीर कमान ।
नहीं खेलते बच्चे अब गुल्ली डंडा,
नहीं रहा अब बच्चों में बचपन ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
नहीं तोड़ते अब बागों से फूल,
नहीं सुनते बच्चे भौरों की गुंजन,
नहीं रही वह पगडंडी, वह साइकिल,
आया मोबाइल,खो गया बचपन ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
न रहा आज वह अपनापन,
होती भाई को भाई से जलन ।
न रही मिट्टी की सौंधी सुगंध,
न रहा वह सुहाना सा चमन ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
न रहा माँ बाप का वह मान,
न रहा गुरुओं का शासन ।
न रही पहले की वह कड़ाई,
संस्कारों का हो रहा शमन ।
अक्सर याद आता है बचपन ।
काश लौट आता वह बचपन,
बच्चो को सौगात में देता बचपन ।
शायद वो भी जी लेते कुछ,
मेरे बचपन में अपना बचपन ।
अक्सर याद आता है बचपन ।