"वसंत ऋतु "
"वसंत ऋतु "
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सूखी डाल पर नव कोंपल फूटी
निकली पत्तियाँ महीन छोटी-छोटी
मस्ती में कलियाँ भी इठलाई
देखो, वसन्त ऋतु है आई।
रंग -रंगीली फूलों की क्यारी
सुगंधित पवन बहे मतवाली
फूलों ने ली लो अंगड़ाई
देखो, वसंत ऋतु है आई।
सूरजमुखी, सरसों हमजोली
धानी धरा ने पीली चूनर ओढी़
गेहूँ -जौ की बालियाँ हैं शरमाई
देखो, वसंत ऋतु है आई।
आमों पर कोमल बौर हैं छाई
कोयल ने मीठी तान सुनाई
लौ रिम-झिम फुहार भी आई
देखो,वसन्त ऋतु है आई।
सजी-धजी धरा नवेली
रंगोत्सव की आई होली
त्योहारों की धूम है छाई
देखो, वसंत ऋतु है आई।
