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Pooja Agrawal

Others

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Pooja Agrawal

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वर्तमान में जीना सीखो

वर्तमान में जीना सीखो

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जो बीत गया वह सपना था,

आज हमारा अपना है,

एक शिक्षक था वह सिखा गया,

बहुत कुछ हमको बता गया।

क्यों भटकता है पुरानी राहों में,

वह राहें कहीं ना ले जाएंगी।

तू मुसाफिर है चलता जा,

नया रास्ता थाम ले,

अपने जीवन को अंजाम दे।

बना ले उसको मीठी याद,

जो जिंदगी जीना सिखा गया।

एक तजुर्बा था वह तेरे लिए,

तुझको चट्टान बना गया।

नया जीवन नयी राहें,

खोल के अपनी बाहें।

आ तुझे बुलाती हैं।

कशमकश में रहेगा अगर,

पीछे मुड़कर देखेगा अगर,

तो कैसे करेगा पूरा?

जीवन का यह सफर।

अतीत की ग

ठरी उतार दे,

जो तेरा बोझ बढ़ा रहीं,

वर्तमान का चोगा ओढ़ ,

नई मंजिले बुला रही।

कितने रिश्ते रूठ गए रे,

कुछ हमसे नाते छूट गए रे।

कुछ गलियां कुछ घरौंदे ,

कुछ किताबें कुछ खिलौने।

कुछ सही कुछ गलत फैसले,

कुछ शिकवे कुछ शिकायतें ,

कुछ अच्छी बुरी आदतें ,

कुछ तोहमतें अपनों पर,

कि वह हमारे हो ना पाए।

कितना समय निकाला हमने,

हम सही से जी ना पाए।

अभी जिंदगी बहुत बची ,

चलो आज से शुरू करते हैं।

अपनी प्यारी जिंदगी में,

जी भर कर रंग भरते हैं।

चलो आज में जीते हैं।

आज को हम जीते हैं।


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