वो दोस्त
वो दोस्त
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रिश्तेदार न होकर भी रिश्तों की अहमियत
बता दे वो दोस्त
तुम्हारे हँसी देखकर अपने गम के आँसू
छुपा ले वो दोस्त
दूर रहकर भी पास होने का
सुकून दिला दे वो दोस्त
मन में उठी बवंडर कहने से पहले
मिटा दे वो दोस्त
दुःखों से भरी रातों में भी खुशियों
कि रोशनी दे दे वो दोस्त
खुशी हो या गम हर पल साथ होने
का अहसास दिला दे वो दोस्त
जिसके साथ लम्बी रातें भी बातों
में निकल जाए वो दोस्त
जिंदगी में सबसे बाद आकर भी जीना
सीखा दे वो दोस्त ।