उठ जाओ भरतार प्रिये। जी देखो आज है इतवार प्रिये।। बड़े स्वार्थी रसिया बालम करवट बदलो पड़े पड़े। औं... उठ जाओ भरतार प्रिये। जी देखो आज है इतवार प्रिये।। बड़े स्वार्थी रसिया बालम कर...
द्वितीय शनिवार छुट्टी का दिन है । खुशियो से कट जाये दिन । द्वितीय शनिवार छुट्टी का दिन है । खुशियो से कट जाये दिन ।
उसके बाद का दौर कुछ और है गर्मियों का आनंद जो पहले था वह अब नहीं। उसके बाद का दौर कुछ और है गर्मियों का आनंद जो पहले था वह अब नहीं।
बच्चों के तो भाग खुले हैं, खिड़कियों पर क़ब्ज़ा जमाते, रेलगाड़ी को खेल गाड़ी बनाते, धमा-चौक... बच्चों के तो भाग खुले हैं, खिड़कियों पर क़ब्ज़ा जमाते, रेलगाड़ी को खेल गाड...