वाह! वाह! क्या बात है!!
वाह! वाह! क्या बात है!!
गैस कनेक्शन फ्री में दिलाकर गैस के दाम बढ़ा दिए ।
जीरो बैलेंस अकाउंट खुलवाकर फिक्स अमाउंट बता दिए ।
शौचालय बनवाते ही नल कनेक्शन पर चार्ज ठोक दिया ।
गाड़ी अधिकांश घरों में हो गई तो पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए ।
ये सुविधा दी या दुविधा दी बात तनिक समझाओ कोई तो ।
घनचक्कर हो रहा आम आदमी होश में इसको लाओ तो ।
घर का रहा ना घाट का अब ये ठौर है इसकी बोलो क्या??
घर -बाहर है महँगाई की मार कोई साबुत इसे बचाओ तो ।
जेब में फूटी कौड़ी नहीं है अकाउंट में बोलो डाले क्या??
पेट्रोल के दाम ही पूजें ना जिसको
गाड़ी के शौक वो पाले क्या??
महँगाई तो बढ़ ही रही है बेरोजगारी भी घटती नहीं!!
अब अपराधी बने बिना कोई बोलो बीबी बच्चों को खिलाए क्या??
बड़ी विकट समस्या है इस सूरत में बंदा क्या ही करेगा?
शौचालय को ताक में रखकर लोटा परेड को चल निकलेगा।
और फ्री का गोबर बटोर बटोर कर दो टिक्करों में खुश हो लेगा ।
अब गाय की कीमत पता चलेगी लोग घरों में उसे बुलायेंगे।
उसके फ्री के गोबर से फिर उपले घर में बनायेंगे।
और महँगी गैस को सलाम ठोककर,
फोकट की आग में रोटी सेक कर खायेंगे।
फोकट की आग में रोटी सेक कर खायेंगे।