उन दिनों...
उन दिनों...
हर एक शै की अगरचे तमन्ना थी उन दिनों
मायूसी कोसों दूर हुआ करती थी उन दिनों !
बस अपने में मसरूफ़ थे, खुश रहा करते थे
तबियत में ही कुछ मौज-मस्ती थी उन दिनों !
दिन में भी ख़्वाब और हवा में उड़ते-फिरना..
फ़जा में हर तरफ एक रंगीनी थी उन दिनों !
सिर्फ़ दिल की सुनते थे, बे-फ़िक़्र रहा करते थे
अक़्ल से गोया हमारी दुश्मनी थी उन दिनों !
जेब ख़ाली थी मगर दिल के बहुत रईस थे
अंदाज़ ही से अमीरी झलकती थी उन दिनों !
रहते हों बेशक दूर, दिल से बहुत क़रीब थे
दोस्तों के घर की राह सुहानी थी उन दिनों !
अब सिवाए ख़ुशी के सब कुछ अपने पास है
असल में तो ज़िन्दगी बस जी थी उन दिनों !!
