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Bhavna Thaker

Others

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Bhavna Thaker

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उड़ान

उड़ान

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रुका नहीं झुका नहीं

थका नहीं हारा नहीं , 

शपथ ली है शान से 

कर्मठता मेरा काम है,

उतंगता के शिखर पर 

देश को उपर उठाऊँगा,

हार जीत का खौफ़ नहीं 

मौत को सर लिये घूमता हूँ ,

सियासत का खेल समझते 

बीती है जवानी ,

दुश्मन देश खामोशी को 

दहाड़ समझो मेरी ,

चाहो जो आराम से सोना 

और कुछ समय दो ,

हौसला अभी परवान चढ़ा है 

काटो न पतंग को,

देखो मेरी चाल को 

समझो मेरे परवाज़ को ,

जितना ही मैं फैलाना चाहूँ 

फैलाने दो मुझको, 

देश को ऊपर ले जाने की 

अभी उड़ान बाकी है॥



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