तुम आ जाओ तो...
तुम आ जाओ तो...
1 min
13.7K
तुम आ जाओ तो जीने का माहौल बनता है
तुम नहीं हो तो महफिल मे भी दम घुटता है
तुम्ही से दिल की धड़कन का ताल बजता है
सांसो की सरगम का सूर तम्ही से सजता है
जब रातो में तुम्हारी यादों का दीप जलता है
तन्हाइयों का हर लम्हा मोती सा चमकता है
मुरझाती रूह को मानो नवजीवन मिलता है
फिर दर्द पुराना नई महक लेकर खिलता है
एक "परम" चेहरा दूर होकर भी पास होता है
बनके "पागल" कोई खुद को यादों मे खोता है
